स्वर (vowels)
स्वर : स्वतंत्र रूप से बोले जानेवाले वर्ण स्वर कहलाते हैं | परंपरागत रूप से तो इनकी संख्या 13 मानी गई है लेकिन उच्चारण की दृष्टि से इनकी संख्या 10 ही है |
अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ |
स्वरों का वर्गीकरण:
1. मात्रा/उच्चारण - काल के आधार पर
ह्रस्व स्वर : जिनके उच्चारण में कम समय लगता है | जैसे - अ इ उ
दीर्घ स्वर : जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय लगता है |
जैसे - आ ई ऊ ए ऐ ओ औ ऑ
प्लुत स्वर : जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय लगता है ; किसी को पुकारने या नाटक के संवादों में इसका प्रयोग किया जाता है |
जैसे - रा .........म
2. जीभ के प्रयोग के आधार पर
अग्र स्वर : जिन स्वरों के उच्चारण में जीभ का अग्र भाग काम करता है |जैसे - इ ई ए ऐ
मध्य स्वर : जिन स्वरों के उच्चारण में जीभ का मध्य भाग काम करता है | जैसे - अ
पश्च स्वर : जिन स्वरों के उच्चारण में जीभ का पश्च भाग काम करता है | जैसे - आ उ ऊ ओ औ ऑ
3. मुख्य-द्वार के खुलने के आधार पर
विवृत : जिन स्वरों के उच्चारण में मुख-द्वार पूरा खुलता है | जैसे - आ
अर्ध - विवृत : जिन स्वरों के उच्चारण में मुख-द्वार आधा खुलता है | जैसे - अ ऐ औ ऑ
अर्ध संवृत : जिन स्वरों के उच्चारण में मुख द्वार आधा बंद रहता है | जैसे - ए ओ
संवृत : जिन स्वरों के उच्चारण में मुख द्वार लगभग बंद रहता है | जैसे - इ ई उ ऊ
स्वर : स्वतंत्र रूप से बोले जानेवाले वर्ण स्वर कहलाते हैं | परंपरागत रूप से तो इनकी संख्या 13 मानी गई है लेकिन उच्चारण की दृष्टि से इनकी संख्या 10 ही है |
ReplyDelete(ऋ), why speaking not used can explain to me total 11 + 2 (ऋ),
बेहतरीन ज्ञान मिला। 🌹🌹🌹🌹🌹
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